खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में एक गुरुद्वारे के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई
गुरु नानक सिख गुरुद्वारा साहिब और खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की रविवार शाम कनाडा के सर्रे में स्थित गुरुद्वारा साहिब परिसर में दो अज्ञात युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
जालंधर के भार्सिंग्पुरा गांव के मूल निवासी 46 वर्षीय निज्जर पर कई सारे आरोप थे,केंद्र सरकार के अनुसार खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के संचालन, नेटवर्किंग, प्रशिक्षण और आर्थिक रूप से सहायता पहुंचाने में सक्रिय रूप से शामिल था।
वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एक मामले में भी आरोपी भी था। हरदीप सिंह निज्जर सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़ा हुआ था और इसी मामले में वो हाल ही में जनमत संग्रह के लिए ऑस्ट्रेलिया भी गया था।
जांच के दौरान, यह पता चला की निज्जर ने भारत और भारतीय सरकार के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए थे, आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट की थी और नफरत भरे भाषणों के माध्यम से वो लोगों को उसकाता था। निज्जर सोशल मीडिया का इस्तेमाल ठीक उसी तरीके से करता था जैसे आज के समय आतंकवादी संगठन करती है, वो "विद्रोही बात फैलाने" के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तस्वीरें और वीडियो साझा किया करता था।
एनआईए के निज्जर के खिलाफ एकत्रित किये सबूतों के एक दस्तावेज के अनुसार, "इस बात की पुष्टि करते हैं की वह देशद्रोह और विद्रोह जैसी चीजों को आरोपों को बढ़ावा देने में शामिल है, और भारत में विभिन्न समुदायों के बीच एक लय को खराब करने का प्रयास भी करता रहता था।" इस तरह की हरकतों का सीधा असर लोगों के बीच मजहबी लड़ाई के तौर पर दिखता है, पूरे देश ने देखा है की कैसे खालिस्तानियों ने देश के सामने एक मुसीबत बन कर बैठी।
निज्जर का नाम उस वांटेड लिस्ट में था, जो पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के द्वारा कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को 2018 में उनकी भारत यात्रा के दौरान सौंपी गई। हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ पंजाब पुलिस के पास भा कुछ मामले थे, और इसके कारण निज्जर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
साल 2020 में पंजाब सरकार के एक आदेश के बाद, निज्जर की कुल संपत्ती को जब्त कर लिया गया था। निज्जर के पास कुल 11 कनाल और 13.5 मरला(य़ूनीट) भूमि जालंधर जिले के फिल्लौर उपमंडल में उनके पैतृक गांव भार्सिंग्पुरा में जब्त की गई थी। एक ग्रामीण ने बताया कि हरदीप का परिवार काफी समय पहले ही गांव छोडकर चला गया था, लेकिन उसके माता-पिता अक्सर गांव आते रहते हैं और आखिरी बार लॉकडाउन से पहले आए थे।
गांव के एक पंचायत सदस्य से बात करते हुए पता चला की हरदीप के पिता के चार भाई हैं और सभी को मिलाकर के उनके पास लगभग 8 एकड़ जमीन है। हरदीप को अपने पिता और अविवाहित चाचा से जमीन का एक हिस्सा मिला, जिन्होंने हरदीप और उसके भाई-बहनों को लगभग 5.5 एकड़ जमीन दी थी। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने कई सालों से हरदीप को गांव में नहीं देखा था।
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