हम जब पहली बार किसी से मिलते है तो हर कोई कोशिश करता है कि वो बेहतर तरीके से पेश आये, तहजीब से लेकर तकरीर तक हरेक चीज उम्दा हो और इसका सबसे बड़ा इम्पैक्ट एक कहावत से ज्यादा प्रचालित हुआ है। First Impressions is last impression.
जो
कहीं
ना
कहीं
सही
भी
है क्युकी
इससे
लोग
आपको
याद
रखते
है
लेकिन
अक्सर
लोग
इसके
वजह
से
मात
भी
खाते
है
क्योंकि
फर्स्ट
इम्प्रेशन
के
वक्त
इंसान
हर
मुमकिन
कोशिश
करता
है
की
वो
बेहतर
रहे
लेकिन
जब
आप
इंसान
के
साथ
समय
बिताते
है
तो आपको
कई
चीजों
के
बारे
में
पता
चलता
है।
अक्सर
हमने
कहीं
ना
कहीं
ये
सुना
होगा
कि
अगर
आपके
अंदर
इंसान
को
पहचानने
का
हुनर
है
तो
आप
को
कभी
धोखा
नहीं
मिलता, जब
हम
पहली
बार
घर
से
निकलते
है
तो
हमारे
पेरेंट्स
उस
जगह
से
और
लोगों
से
सावधान
रहने
के
लिए
कहते
लेकिन
हमे
उस
वक्त
इस
बात
का
ज्यादा
एहसास
नहीं
होता
है
लेकिन जबतक
हमे
इस
बात
का
एहसास
होता
है
तो
काफी
देर
हो
चुका
होता
है।
ऐसे
में
हम
आपको
बताएंगे
कि
कैसे
आप
किसी
भी
इंसान
के
बारे
में
जान
सकते
है
या
किसी
इंसान
कि
असलियत
को
जान
सकते
है, इसके
कई
तरीके
है
और
हम
आपको
उनमे
से
कुछ
तरीकों
के
बारे
में
बताएंगे।
1. किसी
सफर
के
दौरान
- आप
किसी
के
साथ
ट्रिप
का
प्लान
बनाये
और
उसके
साथ
चलना
शुरू
कीजिए
आपको
उसका
हरेक
रंग
दिखता
जाएगा. गलती
से
बस
छूट
जाए
तो आप
को
उस
इंसान
कि
असलियत
दिख
जाएगी, इसके
आगे
बढ़ते
हुए
आप
उनसे
कह
दीजिये
कि
गलती
से
होटल
बुक
नहीं
किया
था
और
अब
रूम
देने
से
मना
कर
रहा
है
उस
वक्त
भी
आप
इंसान
के
बदले
रुप
को
साफ़
तौर
पर
देख
सकते
है।
इसके
बाद
आप prank के
तौर
पर
अपने
साथी
का
वॉलेट
को
छुपा
दीजिए
या
फिर
गलती
से
वॉलेट
खो
जाए
इस
वक्त
भी
आप
इंसान
के
असलियत
को
जान
सकते
है।
2.Give them power - कहते
है
कि
पावर
इंसान
को
मदहोश
कर
देता
है
और
ये
इंसानी
फितरत
है, अक्सर
हमने
फ़िल्मों
में
देखा
होगा
कि
इंसान
पावर
को
पाने
के
लिए
हर
हद
को
पार
कर
जाता
है
और
जब
पावर
मिलता
है
तो
वो
इसका
गलत
इस्तेमाल
करता
है।
पुलिस
कि
वर्दी
पहनने
से
लेकर
कुर्सी
पर
बैठने
वाला
नेता
हर
कोई
इस
पावर
को
पाने
से
पहले
शपथ
लेता
है
लेकिन
पावर
के
मिलने
के
बाद
नियम
और
कानून
दोनों
को
ताख
पर
रख
देता
है, पुराने
फ़िल्मों
में
पुलिस
की
वर्दी
मिलने
के
बाद
हीरो
पहले
अपना
बदला
पूरा
करता
है
और
आज
के
समय
में
भी
ऐसे
कई
किस्से
सुनने
और
देखने
के
लिए
मिल
जाता
है।
COVID 2nd wave में
केंद्र
सरकार
को
वेस्ट
बंगाल
चुनाव
दिख
रहा
था
लेकिन
लोग Oxygen के
लिए
तरस
रहे
थे
ये
नहीं
दिखा
उन्हें
जबकि
उन्हें
केन्द्र
में
जनता
के
लिये
बैठाया
गया
है।
पावर
के
बारे
में
एक
कहावत
है
कि "Power just makes a person more of themselves".
इस
बात
में
सच्चाई
है
लेकिन
हर
कोई
इसके
सन्दर्भ
को
समझ
नहीं
पाते
है।
हालांकि
एक
सच्चाई
ये
भी
है
कि
आप
लोगों
के
साथ
ऐसा
कर
सकते
हैं, लेकिन
आप
जो
देख
रहे
हैं, वह
उनकी
सबसे
खराब
स्थिति
है।
उनका
सर्वश्रेष्ठ
व्यक्तित्व
नहीं
और
निश्चित
रूप
से
उनका "सच्चा" व्यक्तित्व
भी
नहीं।कुछ
लोग
ऐसे
भी
होते
है
जो
भूखे
या
थके
होने
पर
भयानक
हो
जाते
है।इसका
मतलब
है
कि
वे
खाने
या
सोने
के
लिए
अपने
शरीर
के
संकेतों
को
दबाने
के
अभ्यस्त
नहीं
हैं।
ऐसे
में
सवाल
ये
उठता
है
कि
यह
उन्हें
गलत
कैसे
बनाता
है?
ऐसे
में
इस
तरह
कि
बात
भी
निकल
कर
आती
है
कि
क्या
आप
किसी
सच्चे
व्यक्तित्व
को
जान
पाते
है
क्युकी
आप
किसी
के "सच्चे" व्यक्तित्व
को
नहीं
जान
सकते, क्योंकि
आप
कभी
भी
किसी
और
को
पूरी
तरह
से
नहीं
जान
सकते; हमेशा
खुद
के
कुछ
हिस्से
होंगे
जो
वे
जानबूझकर
आपसे
दूर
रखते
हैं, और
अन्य
हिस्से
जिन्हें
वो खुद नहीं
जानते है कि उन
में मौजूद
हैं।
People are like glass. You have to
throw water at them, clean with a cloth and then you will see the real them.
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