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मणिपुर में हिंसा थम नहीं रहा है

  मणिपुर में हिंसा थम नहीं रहा है और हिंसाग्रस्त मणिपुर के उपचार को मद्देनजर रखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) डी.वाई.चंद्रचूड़ ने 7 अगस्त , 2023 को खुली अदालत में यह घोषणा कि सुप्रीम कोर्ट राहत कार्यों , पुनर्वास , मुआवजे और निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीशों जस्टिस गीता मित्तल , शालिनी फणसलकर जोशी और आशा मेनन की एक महिला समिति नियुक्त करेगा। न्यायमूर्ति मित्तल जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति जोशी बॉम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं और न्यायमूर्ति मेनन दिल्ली उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं। शीर्ष अदालत ने इस ओर भी इशारा किया कि वह हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की समग्र जांच की निगरानी के लिए महाराष्ट्र कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दत्तात्रय पडसलगीकर को नियुक्त करेगी , जिन्होंने एनआईए , आईबी और नागालैंड में काम किया था। मणिपुर में मई से जुलाई तक 6,500 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। मणिपुर सरकार ने कहा कि वह मामलों की जांच के लिए 42 एसआईटी का गठन करेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह छह अन्य...

बैंगलोर दंगा 2020

 देश में इतनी हलचल शायद ही कभी भारत या फिर किसी भी एक देश में मची होगी, आज भारत और पुरी दुनिया कोरोना से लड रही है। लेकिन देश मे इस कोरोना काल में या फिर हाल के कुछ महिनो मे भारत देश जाहिल पन से भी लड रहा है, जैसे मे लॉकडाउन के शुरुआत में तबलिगी जमात से हुयी गलती और इसके अलावा पालघर के साधुओं की बेरहमी से हत्या और इसके अलावा बैंगलोर दंगा। आप इन तरह के घटनायें को एक जाहिल पन कह सकते है क्योंकि हाल के दिनो मे व्यतीत ये घटनायें जाहिल पन को ही दर्शाते है। तो, आज बात करेंगे हाल मे हुए सबसे बडे जाहिलियत कि मतलब बैंगलोर दंगा के बारे में। 

कहने के लिए तो भारत एक धर्म-निरपेक्ष देश है लेकिन इस देश में दंगा लोगो के लिए आम बात हैं, कुछ ही साल पहले पश्चिम बंगाल के एक जिले 24 परगना में भी कुछ ऐसा ही दंगा हुआ था। जैसा की हाल ही  बैंगलोर में हुआ है, हाल ही मे एक फेसबुक पोस्ट के बाद बैंगलोर में दंगा भड़क उठा  और ऐसा ही कुछ मिलता-जुलता ही दंगा या फिर ये कहें की ऐसा ही कुछ मिलता-जुलता घटना पश्चिम बंगाल मे भी हुआ था। लेकिन बैंगलोर में दंगा होना कोई इत्तेफाक नही बल्कि एक सोची,समझी और पुर्व नियोजित साजिश थी, ऐसा हम नही ऐसा इस दंगा का सुरत बोल रहा है। 

बैंगलोर दंगा या युद्ध भारत सरकार के खिलाफ

सबसे पहले एक एंटी-हिंदु एक फेसबुक पोस्ट की जाती है, इसका जबाव देते हुए इस्लाम के भावनाओं को आहत पहुंचाते हुए एक भडकाऊ फेसबुक पोस्ट किया गया, उसके बाद दंगा पुरी Planning के साथ शुरु हुयी। रात के 9 बजे के समय में लोगो ने शहर को बद सुरत करने की ठान ली और इसकी शुरुआत पुलिस स्टेशन से हुयी थी। अगर सूत्रों की माने तो दंगाईयो ने इस दंगे मे दो पुलिस स्टेशन को चपेट लेने कि खबर थी। 

चलिये जानते है विस्तार से इस कांड को, 

एंटी-हिदु फेसबुक पोस्ट के बाद हिंदु के भावना को आहत पहुंचा और लोगो ने जबाव देते हुए 11 अगस्त को इस्लाम धर्म के खिलाफ फेसबुक पोस्ट किया और इस बार पोस्ट क्षेत्र के विधायक के भतीजे ने किया है, इसके बाद रात के 9 बजे करीब 200 मुस्लिमो ने मिलकर विधायक के घर को घेर लिया और गिरफ्तारी की मांग करने लगे। हांलाकि उस वक्त विधायक घर पर नही थे, इसके बाद दंगाई पुलिस स्टेशन के तरफ बढे और पुलिस स्टेशन को घेर कर तोड़फोड़ करना शुरु कर दिया और सरकारी वाहनो को आग भी लगा दिया। इस दंगा में तीन पुलिस स्टेशनो को चपेट मे लिया मे और करीब 60 से भी अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गये थे, अब बात करें भारतीय कानून के अनुसार भीड़ का कोई चेहरा नही होता है। इसके बाद अब आपके मन मे कुछ सवाल उठ रहे होगें, जो की लाजमी भी है। 

हांलाकि कहने वालो कि बातो पर भी ध्यान दिया जाये तो उनका ऐसा कहना है की इस घटना के पीछे पाकिस्तान का हाथ है, अब इसको पढने के बाद आप खुद ही निर्णय लिजीये की इस बात मे किस हद तक सच्चाई छिपी है।

सवाल

क्या लोगो के लिए आज के समय फेसबुक या फेसबुक पोस्ट इतनी बडी बात बन गयी है। 

भारत मे लोगो को हर चीज की आजादी, इसका मतलब ये तो नही की वो इसका दुरुपयोग करें। 

अगर लोग इस तरह के पोस्ट से आहत होते है तो उन्हे अपनी बात रखने के लिए एक बेहतर और सरल तरीका ढुंढना चाहिए।

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