कॉरपोरेट टैक्स उस टैक्स(कर) को कहते है,जो
कंपनियों को अपने प्रोफिट मे से देने होते है। सरकार ने कारोबारियों को और
कंपनियों को दिवाली का तोहफा दिया है, कॉरपोरेट टैक्स को कम करके। पहले कंपनियों को टैक्स के तौर पर 30% और सरचार्ज मिलाकर 31.2% देना
होता था, जो अब घट के 22% और सरचार्ज मिलाकर
25.17% हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह कदम मेक इन इंङिया को बढावा
देगी, इससे दुनियाभर से निवेशक भारत मे निवेश करने के प्रति आकर्षित होगे। कांग्रेस
पार्टी ने सरकार को टैक्स कम करने पर घेरा और कहा है कि नौकरी पेशा और मध्यम वर्ग
पर 33% टैक्स लगाती है,जबकि बङी कंपनियों पर 22% टैक्स।
जिससे ये पता चलता है कि भाजपा पार्टी को अन्नदाता कि नही,धनदाताओं के हितो कि
चिंता है।
कॉरपोरेट टैक्स
कम होने से बङी-बङी कंपनियां भारत मे निवेश करेगी या करने पर विचार
करेगी लेकिन 30% टैक्स स्लैब मे जो कंपनिया पहले से थी उन कंपनियों को
राहत मिली होगी। वित् मंत्री निर्मला सितारमण ने इस बात का ऐलान किया, जो कि
उन्होने भारतीय अर्थव्यवस्था को मद्देनजर रखते हुए किया है। जिस स्थिति मे अभी
भारत कि अर्थव्यवस्था है, उसमे सुधार करने के लिए ये एक नायाब और बेहतर कदम हो
सकता है। 2019 नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी बताते है कि भारत कि
अर्थव्यवस्था बहुत हि बुरे स्थिति मे है और इसे बेहतर होने मे काफि समय लगेगा। भाजपा
के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद के हिसाब से भारत मे मंदी जैसी कोई चीज है
हि नही क्योंकि फिल्मे एक दिन मे 120 करोङ कि कमाई करती है,कहां है मंदी? हालांकि
सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बात के लिए ट्वीट करके
माफि मांगा था।
2019 ग्लोबल भुखमरी सूची के अनुसार 117 देशो मे से भारत 102 नंबर है,जो भारत देश
की अर्थव्यवस्था दर्शाता है और साथ मे ये भी बताता है कि भारत देश कि अर्थव्यस्था किस
जगह पर है। जो ये बताता है कि भारतीय सरकार को इसपे भी नजर ङालनी होगी। भारतीय
अर्थव्यवस्था मे सुधार लाने के लिए और अर्थव्यवस्था को देखते हुए हम ये कह सकते है
कि ये निर्णय साहसिक है और काबिले-तारीफ-है लेकिन तभी जब ये विदेशी कंपनीयों को
लुबा पायेगी वर्ना इसका भी कोई फायदा नही होना है।
टिप्पणियाँ