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मणिपुर में हिंसा थम नहीं रहा है

  मणिपुर में हिंसा थम नहीं रहा है और हिंसाग्रस्त मणिपुर के उपचार को मद्देनजर रखते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश(सीजेआई) डी.वाई.चंद्रचूड़ ने 7 अगस्त , 2023 को खुली अदालत में यह घोषणा कि सुप्रीम कोर्ट राहत कार्यों , पुनर्वास , मुआवजे और निगरानी के लिए उच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीशों जस्टिस गीता मित्तल , शालिनी फणसलकर जोशी और आशा मेनन की एक महिला समिति नियुक्त करेगा। न्यायमूर्ति मित्तल जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति जोशी बॉम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं और न्यायमूर्ति मेनन दिल्ली उच्च न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं। शीर्ष अदालत ने इस ओर भी इशारा किया कि वह हिंसा के दौरान दर्ज मामलों की समग्र जांच की निगरानी के लिए महाराष्ट्र कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी दत्तात्रय पडसलगीकर को नियुक्त करेगी , जिन्होंने एनआईए , आईबी और नागालैंड में काम किया था। मणिपुर में मई से जुलाई तक 6,500 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं। मणिपुर सरकार ने कहा कि वह मामलों की जांच के लिए 42 एसआईटी का गठन करेगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह छह अन्य...

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019

चुनावी समर 2019

चुनावों का सफर फिर से शुरु होने वाला है और इसकी शुरुआत महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड से होगी। तीनो राज्य मे क्षेत्रीय पार्टी जीत के लिए हुंकार भरेगी। केंद्रिय पार्टी बीजेपी ने दो राज्यों मे पुर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाया है। हरियाणा और झारखंड मे पहली दफा ऐसा हुआ है क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजुद बीजेपी ने सरकार बनाया है। पिछले 5 सालो मे महाराष्ट्र और हरियाणा दोनो राज्यो मे कुछ न कुछ ऐसी घटना घटी जो ये बताती है कि कुछ ऐसे मोर्चे है जहां सरकार नाकाम साबित हुयी। महाराष्ट्र के गांव मे सुखाङ जैसे हालात,किसानो का आत्महत्या करना या फिर बाढ जैसे हालात बनना। सुखाङ और किसानो कि आत्महत्या ये फङनवीस सरकार के लिए चुनौति कि तरह रही है।

शुरुआत महाराष्ट्र से करेंगे बीजेपी और शिवसेना कि गठबंधन के साथ सरकार मे है। शिवसेना इस साल किसी भी तरह कि चुक करने के मुड मे नही दिख रही है। लोक सभा चुनाव 2019 के समय जदयु उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रंशात किशोर को शिवसेना के साथ जोङ लिया गया था। इस विधानसभा चुनाव मे शिवसेना पुरी तरह से तैयार दिख रही है। शिवसेना अध्यक्ष उध्दव ठाकरे ने कहा कि 2019 विधानसभा चुनाव मे शिवसेना और बीजेपी गठबंधन मे चुनाव लङेगी। शिवसेना 124 और बीजेपी 164 सीट पर चुनाव लङेगी। 2014 विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना दोनो विपक्ष मे थे, जिसमे शिवसेना को शिकस्त झेलनी पङी थी। 288 सीटों मे से बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटों पे सीमित रह गयी। हांलाकि किसी भी पार्टी को पुर्ण बहुमत नही मिली थी तो ऐसे मे सरकार बनाने के लिए बीजेपी को शिवसेना का साथ मिला था। किसी ने सही कहा कि अब गठबंधन मजबुरी नही जमीनी हकिकत कि तरह हो गयी है। आदित्य ठाकरे इस चुनाव मे चर्चा का विषय बन चुके है। शिवसेना अध्यक्ष उध्दव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी इस चुनाव से राजनीति मे पदार्पण कर रहे है। अपने बेटे को राजनीति मे लाने के साथ हि उध्दव ठाकरे ने सारे अटकलों को खारीज करते हुए, ये भी बता दिया है कि बेटे आदित्य ठाकरे को राजनीति में लाने का ये मतलब नही कि वो राजनीति से संयास ले रहे है। 2014 मे शिवसेना को मिली 63 सीटो को मद्देनजर रखते हुए सीट शेयरींग की गयी है। कंबोङिया मे ध्यान लगाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी महाराष्ट्र मे चुनाव प्रचार शुरु करेंगे। जिस रफ्तार से कांग्रेस अपनी अस्तित्व खोने के कगार पर है उसे न सिर्फ बचाने के लिए बल्कि उस अस्तित्व को पाने के लिए। कांग्रेस को 2014 विधानसभा चुनाव मे 288 मे से 42 सीटों पर हि जीत मिली थी। 2014 से पहले हरियाणा और महाराष्ट्र दोनो जगहों पर कांग्रेस कि हि सरकार थी।    


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